सोमवार, 19 जुलाई 2010

आओ तफरी करे !





तू सामने हो तो दिल बहक जाता है !
तेरे हाथ में परिंदा भी हो तो दिल जल जाता है !



















तेरे होटों के रस को महसूस करने
से ही मुझ पर मदहोशी
तारी होती है !





2 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

बेहद ख़ूबसूरत और उम्दा

संजय भास्‍कर ने कहा…

मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर लिखते है ! मेरे ब्लोग मे आपका स्वागत है !