गुरुवार, 1 जुलाई 2010

कमेंट्स का राजा !


ये कलम किताब वाले भाई की पोस्ट के कमेन्ट है ये भाई हॉट पर जाने की लिए अपनी पोस्ट पर खुद ही कमेन्ट की भरमार करते रहते है !
वाह जी वाह




15 comments:

संगीता पुरी said...
सचमुच संयुक्‍त परिवार के फायदे का क्‍या कहना .. किसी भी संयुक्‍त परिवार में मुखिया की ही तो मुख्‍य भूमिका होती है .. पर आज भौतिकवादी युग में कोई मुखिया भी मुखिया नहीं रह पाता .. फिर आज की नई पीढी समझौते से भी घबराती है .. संयुक्‍त परिवार के ह्रास के यही मुख्‍य कारण है !!
June 30, 2010 11:08 PM

A Indian said...
Sangeeta ji se sehmat
June 30, 2010 11:10 PM

Raji Kumar said...
संयुक्‍त परिवार के फायदे का क्‍या कहना दोस्त
June 30, 2010 11:17 PM

Mamta said...
Acchi Koshish Asad Ji
June 30, 2010 11:18 PM

Asad ali said...
This post has been removed by the author.
June 30, 2010 11:23 PM

Danish said...
Kya bat hai asad accha laga padh kar
June 30, 2010 11:31 PM

Danish said...
Shuru main hi aap accha likh rahe hai
June 30, 2010 11:33 PM

Tafribaz said...
असद सब तेरी तरीफ कर रहे है पर मुझे तो मज़ा नहीं आया मेरी पोस्ट पर आकर देख लिखना किसे कहते है !
June 30, 2010 11:35 PM

Asad ali said...
mamta ji aur Koshish karonga taki aapko aachha lage..
June 30, 2010 11:53 PM

Asad ali said...
danish bhai ko thanks
June 30, 2010 11:54 PM

Asad ali said...
tafibaaj-के जब मैं ब्लॉग पर गया तो मेरा कंप्यूटर ही बंद हो गया शायद मेरा कंप्यूटर भी आपको पसंद नही करता माफ़ करना भाई फिर कभी मिलेंगे
June 30, 2010 11:56 PM

kabir said...
असद भाई आप बात की घहराई तक गये! आज इस योग मे आपके विचार अतिउत्तम है!आपको मेरी शुभकामने
July 1, 2010 12:01 AM

Asad ali said...
तफ़रीबाज़-आपने मुझको क्या समझा है जो यह कहा कि मुझे लिखना नही आता जनाब कम से कम मैं आपनी हद मे तो रहता हूँ!आप खुद को लेखक बताते है खुद कहने से कोई लेखक नही हो जाता जनाब आप मुझ से जले ना!और हा पहले थोड़ा तमीज़ शिख लो जनाब तभी आप लेखक बन सकते हैं!
July 1, 2010 12:10 AM

राजकुमार सोनी said...
धन्य है माताराम को। जानकारी के लिए आपको बधाई.
July 1, 2010 3:54 AM

Asad ali said...
aapka suagat hai raj kumar ji
July 1, 2010 5:55 AM

3 टिप्‍पणियां:

Sumit Khanna ने कहा…

Log bhi kamal hote hain. Vaise Asad ji ne achha likha hai, maine padha hai, aap bhi padho, dhyan se.

Sumit Khanna ने कहा…

Aap kyon unki burai kar rehe he. voh abhi nae he. jan jaenge

Asad ali ने कहा…

Bhai pehle lekh to padh lete. vaise hi burai karne lage.